दिंनाक 27 सितम्बर 2014
सेवा मे,
माननीय प्रधानमंत्री महोदय,
भारत सरकार,
रायसिना हील,
नई दिल्ली।
विषय- संयुक्त
राष्ट्र् संघ को अपनी भाषा में सम्बोधित करने के सन्दर्भ में।
मान्यवर,
यह खुला पत्र लिखते हुए आपार हर्ष हो रहा है
कि -
9 साल तक किया वीसा के इनकार
अब हुआ अमेरिका को मोदी से प्यार।
कहॉं गए भारत के
सेक्युलर...... देखो मोदी बिना वीसा के अमेरिका में घुस गए और वहांॅ मोदी का रॉक
स्टॉर जैसा क्रेज देखने लायक। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त
राष्ट्र् महासभा को हिन्दी में सम्बोधित करने पर अन्नत शुभकामना और बधाई। आज पूर्व
प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को स्वास्थ्य ठीक होता और वह भी अमेरिका में
होते तो सोने पे सुहागा होता।
श्री नरेन्द्र मोदी दूसरे प्रधानमंत्री है
जिन्होनें अमेरिका में अपनी भाषा में सम्बोधित किया इससे पहले हमारे पूर्व
प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी अपना लोहा मनवा चुके है। वर्तमान
प्रधानमंत्री को पुन एक बार शुभकामनाए और बधाई। जब किसी को जरूरत होती है तो ही वह
आप की सुनता है।
फिर चाहे किसी भाषा
में बोले तो अनुवाद करे या समझे यह उनकी समस्या है। आज हम मंगल ग्रह पर भी अपनी
शक्ति का प्रदर्शन कर चुके है। किन्तु हमारी एक खास पहचान टांग खिचार्ड भी है।
भारत के अनुभवी
पत्रकार कहते है कि मंगलयान को ऑर्बिट में रखना अपनी जगह है और अमेरिका से
इन्वेस्टमेंट कराना अपनी जगह......!
अब आप ही बताइए यह
कोई तुलना हुई हमारे पत्रकार, चैनल वाले अमेरिका ऐसे भागे जैसे ओबामा ने मोदी की जगह इन्हे न्योता
दिया है-
अमेरिका दौर के ऐन पहले
दुनिया से अपील की आओ, बनाओ..... भारत में..... गजब की टाइमिंग..... आप सोच रहे होगे की पत्र
लिखने वाला विषय से दूर हट रहा है पर यह नजरिये का दोष हो सकता है। सब एक दूसरे से
जुडे हुए है। माहौल बनाया है चीन को गुजरात बुला दिया। जापान में ड्र्म बजा दिया
और 55 विलियन डालर का
दोनो से वादा ले आए अब अमेरिका की बारी......
प्रधानमंत्री की
यात्राओ के भारी माहौल से हम साधारण नागरिकों को कोई सीधा लाभ मिले, यह असम्भव है। किन्तु करोडों नौजवानों के लिए
विदेषी निवेश तभी होगा जब माहौल बनेगा।
जिस अमेरिका में
छह-हजार की भीड जमा करने में अमेरिकी नेताओं के पसीने छूट जाते थे, वहॉ नरेन्द्र मोदी के कार्यक्रम के 20 हजार टिकट हाथो हाथ बिक गए.... तस्वीर कुछ कहती
है। विचार करिएगा।
अंत में
प्रधानमंत्री के इस दौरे के लिए सभी-देशों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अमेरिका को
भी बधाई और अन्नत शुभकामनाए।
भवदीय
मधुलेश पाण्डेय ‘निल्को’
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