बात बात पर वो औकात की बात करते है और हम है कि मुलाकात की बात करते है लड़ते है, झगड़ते है और मनाते भी है और निल्को चोरी छुपे तेरी हर सौगात की बात करते है
सादर *एम के पाण्डेय निल्को*
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